रमजान का महीना कुरान के साथ गहरा जुड़ा हुआ है, क्योंकि इसी महीने में कुरान का अवतरण (नाजिल) हुआ था। रमजान में कुरान पढ़ने और समझने का विशेष महत्व है, क्योंकि यह महीना इबादत, तौबा और अल्लाह की रहमत प्राप्त करने का सुनहरा मौका है। आइए, रमजान में कुरान पढ़ने और समझने के तरीके को कुरान और हदीस की रोशनी में समझते हैं।
रमजान में कुरान पढ़ना और समझना हर मुसलमान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। और इस दौरान कुरान पढ़ने का सवाब कई गुना बढ़ जाता है। इसलिए, हर मुसलमान को रमजान में कुरान को नियमित रूप से पढ़ने, समझने और उस पर अमल करने की कोशिश करनी चाहिए।
1. रमजान में कुरान का मर्तबा (महत्व)
1. कुरान का नाजिल होना
कुरान में अल्लाह फरमाते हैं: “रमजान वह महीना है, जिसमें कुरान नाजिल किया गया, जो लोगों के लिए हिदायत (मार्गदर्शन) और रहमत का जरिया है।” (सूरह अल-बकरा, 2:185)
2. जिब्राईल (अलैहिस्सलाम) का कुरान दोहराना
पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) हर रमजान में जिब्राईल (अलैहिस्सलाम) के साथ कुरान का दोहराव (मुताला) करते थे।
पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमाया: “जिब्राईल हर रमजान में मेरे साथ कुरान का दोहराव करते थे।” (सहीह बुखारी)
2. रमजान में कुरान पढ़ने और समझने का तरीका
1. ताज्वीद के साथ पढ़ना:
कुरान को ताज्वीद (सही उच्चारण) के साथ पढ़ना जरूरी है। पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमाया: “जो कुरान को सही तरीके से पढ़ता है, वह उन नेक और आज्ञाकारी फरिश्तों के साथ होगा।” (सहीह बुखारी)
2. कुरान को समझना
कुरान को केवल पढ़ने के साथ-साथ समझना भी जरूरी है। अल्लाह फरमाते हैं: “क्या ये लोग कुरान पर गौर नहीं करते? या उनके दिलों पर ताले लगे हुए हैं?” (सूरह मुहम्मद, 47:24)
3. नियमित पढ़ना
रमजान में कुरान को नियमित रूप से पढ़ना चाहिए। पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमाया “तुम में से सबसे अच्छा वह है, जो कुरान सीखे और सिखाए।” (सहीह बुखारी)
4. दिल के साथ पढ़ना
कुरान को दिल लगाकर और समझकर पढ़ना चाहिए। अल्लाह फरमाते हैं: “जब कुरान पढ़ा जाए, तो उसे ध्यान से सुनो और चुप रहो, ताकि तुम पर रहमत की जाए।” (सूरह अल-अराफ, 7:204)
4. कुरान पर अमल करना
कुरान को पढ़ने और समझने के बाद उस पर अमल करना जरूरी है। पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमाया: “कुरान को पढ़ो और उस पर अमल करो।” (सहीह बुखारी)
3. रमजान में कुरान पढ़ने के फायदे:
1. सवाब (पुण्य) की प्राप्ति
कुरान पढ़ने वाले को हर अक्षर के बदले सवाब मिलता है। पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमाया: “जो कोई कुरान का एक अक्षर पढ़ता है, उसे एक नेकी मिलती है, और हर नेकी का सवाब दस गुना है।” (सुनन तिर्मिज़ी)
2. दिल की शांति
कुरान पढ़ने से दिल को सुकून मिलता है। अल्लाह फरमाते हैं: “जान लो कि अल्लाह के ज़िक्र से दिलों को सुकून मिलता है।” (सूरह अर-राद, 13:28)
3. जन्नत की प्राप्ति
कुरान पढ़ने वाले के लिए जन्नत में ऊंचा मकाम होगा। पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमाया:
“कुरान पढ़ो, क्योंकि वह कयामत के दिन अपने पढ़ने वाले के लिए सिफारिश करेगा।” (सहीह मुस्लिम)
4. रिज़्क (रोज़ी) में बरकत
कुरान पढ़ने से रिज़्क में बरकत होती है। पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमाया: “जो कुरान पढ़ता है, उसके लिए रिज़्क आसान कर दिया जाता है।” (सुनन इब्ने माजा)
4. रमजान में कुरान पढ़ने की विशेषताएं
1. तरावीह में कुरान सुनना
रमजान में तरावीह की नमाज में कुरान सुनना बहुत सवाब वाला काम है। पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमाया:
“जो तरावीह में इमाम के साथ खड़ा रहता है, जब तक इमाम नमाज खत्म करता है, उसे पूरी रात की नमाज का सवाब मिलता है।” (सहीह मुस्लिम)
2. कुरान खत्म करना
रमजान में कुरान को पूरा पढ़ना (खत्म करना) बहुत फजीलत वाला काम है। पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) हर रमजान में कुरान का दोहराव करते थे।
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